बुजुर्ग मां-बाप को लूटकर भागा बेटा घर लौटा, दम्पति ने किया माफ

बुजुर्ग मां-बाप को लूटकर भागा बेटा घर लौटा, दम्पति ने किया माफ


शाहपुर क्षेत्र के बुजुर्ग दम्पति ने 25 लाख रुपये लूटने वाले अपने बेटे को माफ कर दिया। अब वे उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने के लिए मंगलवार को सीओ को शपथपत्र देंगे। पिता ने बताया कि बेटे ने एक बार और सुधरने का मौका मांगा है। अन्य लोगों ने भी कहा कि उसे सुधरने का मौका देना चाहिए इसलिए माफ कर रहा हूं।


पादरी बाजार के ओबा टोला मोहनापुर में रहने वाले बुजुर्ग दंपति उदय नरायन सिंह बघेल और विमला देवी को उनका ही बेटा संजीव सिंह लूट ले गया था। उसने मां-बाप के छह बैंकों को एक-एक कर शातिर ढंग से 25 लाख रुपये तथा मां के बक्से में रखे ढाई लाख के गहने बेच दिए थे। उसकी जगह नकली गहने रख दिए थे। पीड़ित मां-बाप की कहानी आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान में प्रकाशित होने के बाद शाहपुर पुलिस ने बीते शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई थी।


लंगर में खाना खाकर कर रहा था गुजारा : 20 दिसम्बर 2019 को घर से भागा संजीव अमृतसर में रहता था और वहीं लंगर में खाना खाकर गुजारा कर रहा था। शुक्रवार को लाइव हिन्दुस्तान पोर्टल पर खबर पढ़ने के बाद उसने अपनी बहन से सम्पर्क किया। संजीव ने बहन से सारी गलती कबूली और मम्मी-पापा से एक बार माफी दिलाने की गुजारिश की। बहन ने पिता से बात की। शनिवार को अमृतसर से ट्रेन पकड़कर संजीव रविवार को घर आ गया। वह अपने घर जाने की जगह सीधे बहन के घर गया। बहन उसे लेकर रविवार की रात में पिता के पास पहुंची। पिता उदय नरायन ने पुलिस से सम्पर्क किया। रविवार की रात में शाहपुर पुलिस उसे थाने ले गई।


पूरी रात लॉकअप में रहा संजीव : पूरी रात वह लॉकअप में रहा। इस बीच सोमवार को उदय नारायन और उनकी पत्नी को उनके नात-रिश्तेदार तथा मोहल्ले के लोगों ने समझाया और बेटे को माफ कर एक मौका देने के लिए कहा। लोगों के समझाने के बाद बुजुर्ग दम्पति दिल बेटे के प्रति पसीज गया और थाने पहुंच कर उन्होंने केस वापस लेने की गुजारिश की। पिता के माफ करने के बाद सोमवार को संजीव को इस शर्त पर सौंप दिया कि वे मंगलवार तक एक शपथपत्र दे देंगे।


नौकरी छोड़ बिजनेस के लिए आया गोरखपुर


देवरिया जिले के पिपरा बघेल गांव के मूल निवासी उदय नरायन झारखंड में कोल इंडिया में क्लर्क की नौकरी से रिटायर होने के बाद परिवार के साथ जिले के मोहनापुर के ओबा टोला में जमीन खरीदी और 2014 में मकान बनाकर शिफ्ट हो गए। एमबीए करने के बाद संजीव ने ललितपुर में नौकरी शुरू कर दी। फरवरी 2017 में संजीव घर आ गया। बोला कि बुजुर्ग मां पिता की सेवा जरूरी है, इसलिए नौकरी छोड़ कर आया हूं। यहीं पर बिजनेस करूंगा। मां बाप ने बेटे पर भरोसा कर पिता व मां ने उसे सभी खातों की जानकारी व एटीएम भी दे दिया। इसके बाद उसने सभी खातों को साफ कर दिया। इसके बाद वह 20 दिसम्बर को घर से फरार हो गया।


संजीव के पिता बोले


बेटा घर आया तो मैंने पुलिस को सूचना दी और बेटे को पुलिस को सौंप दिया। पूरी रात पुलिस थाने में रहा। वह बार-बार माफी मांग रहा था। मैने उससे जो भी पूछा सब सच-सच बताया इसके बाद मैंने माफ करने का फैसला किया है। मंगलवार को शपथपत्र देकर केस वापस ले लूंगा।


उदय नारायन, संजीव के पिता