पानी नहीं, ठेकेदारों के लिए ‘रुपया दे रहे हैं ट्यूबवेल

पानी नहीं, ठेकेदारों के लिए ‘रुपया दे रहे हैं ट्यूबवेल


लाखों रुपये खर्च कर लोगों की प्यास बुझाने के लिए लगाए जा रहे ट्यूबवेल पानी देने के बजाए ठेकेदारों को ‘रुपया दे रहे हैं। नये ट्यूबवेल तीन महीने के अंदर चालू हो जाने चाहिए, वह छह महीने बाद भी अधर में लटके हैं। तिवारीपुर में तो एक ट्यूबवेल सिर्फ बिजली कनेक्शन नहीं होने के चलते चालू नहीं हो सका है।


जलकल विभाग की ओर से लगाए जा रहे ट्यूबवेल पर 12 से 15 लाख रुपये खर्च होते हैं। एक ट्यूबवेल से 300 से 500 परिवारों को शुद्ध पानी मिलता है। तिवारीपुर में सिटी मैरेज हाल के सामने स्थापित हो रहा ट्यूबवेल सिर्फ विभागों की लापरवाही के चलते चालू नहीं हो सका है। स्थानीय पार्षद अनीस अहमद ने सोमवार को महापौर के समक्ष ट्यूबवेल को लेकर दिक्कतों को बताया। पार्षद के मुताबिक, छह महीने से ट्यूबवेल सिर्फ इसलिए पानी नहीं दे रहा है क्योंकि बिजली विभाग अब तक कनेक्शन नहीं दे सका है।


12 लाख से बना ट्यूबवेल सफेद हाथी: इसी क्रम में रायगंज दक्षिणी में इमामबाड़े के पास 12 लाख की लागत से लगा ट्यूबवेल सफेद हाथी बना हुआ है। दो महीने पहले ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति शुरू हुई लेकिन पानी के साथ बालू आने लगा। ठेकेदार ने इसके बाद मरम्मत कार्य शुरू किया। स्थानीय पार्षद अशोक यादव का कहना है कि ट्यूबवेल लगे दो महीने से अधिक समय गुजर चुका है, आपूर्ति नहीं शुरू हो सकी है। स्थानीय लोगों ने इसकी कमिश्नर से शिकायत की है। पानी आपूर्ति बहाल न होने से करीब 400 परिवार पेयजल के संकट से जूझ रहे हैं।


न कनेक्शन हुआ न ही पाइप लाइन जुड़े


छोटे काजीपुर में बनकटीचक के पास भी ट्यूबवेल स्थापित हुए दो महीने से अधिक समय गुजर चुका है। अभी तक न तो बिजली कनेक्शन हुआ है, न ही पाइप लाइन ही कनेक्ट किए गए हैं। इसी क्रम में इस्माइलपुर वार्ड के खोख्ररटोला और इस्माइलपुर तकिया में दो ट्यूबवेल लगाने को लेकर मंजूरी हुई थी, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।


नए ट्यूबवेल तीन महीने के अंदर लग जाने चाहिए। किसी न किसी दिक्कत के चलते ये चालू नहीं हो पा रहे हैं। तिवारीपुर में बिजली कनेक्शन के लिए इस्टीमेट मांगा गया है। इसके लिए रिमाइंडर भी भेजा गया है। बिजली कनेक्शन होते ही ट्यूबवेल चालू हो जाएगा। जहां पानी के साथ बालू आ रहा है, वहां की दिक्कतों को भी दूर किया जाएगा।


सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, जलकल